न्यायालय के बारे में
अजमेर जजशिप
अजमेर न्यायपालिका के राजस्थान में विलय से पहले इसे अजमेर-मेरवाड़ा सम्राट कहा जाता था।
- अजमेर-मेरवाड़ा राज्य के समय न्यायिक आयुक्त की नियुक्ति अजमेर न्यायालय विनियमन अधिनियम 1926 की धारा 3 के तहत गवर्नर जनरल द्वारा की जाती थी। यह विनियम भारत के संविधान के तहत 2 अक्टूबर 1926 को प्रकाशित हुआ था।
- पहले न्यायिक आयुक्त की अदालत "सुख निवास" से संचालित होती थी। वर्तमान में उस भवन में निदेशक आयुर्वेद का कार्यालय चल रहा है। सुख निवास भवन से यह कार्यालय सर्किट हाउस अजमेर के भूतल पर स्थानांतरित किया गया है।
- अजमेर न्यायालय विनियम 1926 के अधीन श्री डब्ल्यू.टी.डब्ल्यू. बेकर (आई.सी.एस.) को वर्ष 1926 में अजमेर के पहले न्यायिक आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। श्रृंखला में अंतिम न्यायिक आयुक्त वर्ष 1955 में श्री बी.एन निगम थे। वर्ष 1950-51 में श्री आत्म चरण अजमेर के न्यायिक आयुक्त थे। इससे पहले वे सत्र न्यायाधीश के पद पर थे और नाथू राम गोडसे (महात्मा गांधी के हत्यारे) को आजीवन कारावास की सजा दे चुके हैं।
- अजमेर न्यायपालिका का निर्णय अजमेर मेरवाड़ा जर्नल में प्रकाशित किया गया था और जिला बार एसोसिएशन, अजमेर द्वारा प्रकाशित किया गया था।
अजमेर न्यायालय विनियम 1877 के अनुसार अजमेर-मेरवाड़ा राज्य में[...]
अधिक पढ़ें- डीएलएसए अजमेर में संविदा के आधार पर एलएडीसीएस के लिए सहायक स्टाफ के संबंध में विज्ञप्ति
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- अप्रैल 2025 के लिए संशोधित रिमांड ड्यूटी आदेश
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- रिट याचिका (सिविल) संख्या 1246/2020, अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ और अन्य में माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा पारित दिनांक 12.12.2024 के आदेश का प्रसार।
- VC के लिए न्यायालयों हेतु CISCO WEBEX लिंक
- संशोधित कार्यालय आदेश
- माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आपराधिक अपील संख्या 2411/2024 में दिनांक 07/05/2024 को पारित निर्णय।
- कार्य के संशोधित मानक के संबंध में परिपत्र
- कलेक्ट्रेट न्यायालय परिसर सर्वर को जिला न्यायालय सर्वर में विलय करने के संबंध में सूचना
- सूचना – भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के अभिलेखों को नष्ट करना
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